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पद्मश्री वंदना लूथरा : दो हजार रुपए से शुरू हुआ VLCC आज 121 शहरों में चला रहा है सेंटर

कहते है सपने से कुछ नहीं होता सफलता प्रयासों से हासिल होती है कुछ इसी तरह अपनी मेहनत और सफलता का डंका बजाने वाली वंदना लूथरा जिन्होंने मात्र दो हजार से की थी VLCC की शुरुआत आज न केवल एशिया की सबसे बड़ी वेलनेस कम्पनियों में शुमार हो गई है बल्कि भारत में वेलनेस सेक्टर के विस्तार में भी सराहनीय योगदान दिया है।


वंदना लूथरा
वंदना लूथरा ( फोटो साभार: ट्विटर )

वंदना लूथरा ने अपनी बचत की छोटी सी रकम से वर्ष 1989 में दिल्ली में वीएलसीसी की शुरूआत की। तब यह भारत का पहला 'ट्रांस्फाॅर्मेशन सेंटर' था। 25 साल के काम-काज में वीएलसीसी के निरंतर प्रयासों से कंपनी के सेंटर 16 देशों के 121 शहरों में 300 से अधिक स्थानों पर मौजूद है।

वीएलसीसी अपने स्तर से महिला सशक्तिकरण के लिए योगदान भी देती है। कंपनी का 'एंटरप्रेन्याॅरशिप फाॅर वुमन प्रोग्राम’ महिलाओं में उद्यम व प्रतिभा को बढ़ावा देता है और उन्हें पुरस्कृत भी करता है। आज देश में कंपनी के 10 में से सात विभागों की प्रमुख महिलाएं ही हैं।

वीएलसीसी, एक ऐसी कंपनी जो लोगों को उनके शरीर और रुख के हिसाब से मेडीकेट करता है, संवारता है। वंदना लूथरा वीएलसीसी की सीईओ हैं। वीएलसीसी उन कंपनियों में शुमार है, जिन्होंने महिलाओं को रोजगार और रोजगार संबंधी तकनीक मुहैया कराने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ समझौता किया है। अपनी बचत की छोटी सी रकम से वर्ष 1989 में दिल्ली में वीएलसीसी की शुरूआत की। तब यह भारत का पहला 'ट्रांस्फाॅर्मेशन सेंटर' था। उन दिनों देश का वेलनेस मार्केट पहचान ही बना रहा था और फिटनेस व ब्यूटी मिलाकर संपूर्ण वेलनेस एक नए तरह का क्षेत्र था।

महिलाऐं किसी से कम नहीं-

वंदना लूथरा ने ग्रेजुएशन के बाद जर्मनी में न्यूट्रीशन एवं काॅस्मेटोलाॅजी में उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद लंदन, म्युनिख और पेरिस में ब्यूटी केयर, फिटनेस, फूड एण्ड न्यूट्रीशन और स्किन केयर में कई स्पेशलाइज्ड कोर्स और माॅड्यूल किए। जब वंदना लूथरा ने अपने बिजनेस की शुरुआत की वो उन दिनों गिनी-चुनी महिलाएं ही उद्यमी के तौर पर दिखाई पड़ती थीं। खास कर गैर-व्यावसायिक परिवारों की महिलाएं तो बहुत कम थीं। जेब में मात्र दो हजार रुपए थे और सपने बेहिसाब। वंदना ने बैंक से लोन लिया और एक ऐसे फील्ड में कदम रखा जिसका उन्हें जरा भी अनुभव नहीं था। अपनी पहचान बनाने और लोगों का भरोसा जीतने में उनके सामने अनेक चुनौती आई । लोग ब्यूटी पार्लर से तो वाकिफ थे पर ट्रांस्फाॅर्मेशन सेंटर का आइडिया उनके लिए बिल्कुल नया था। इतना ही नहीं लोगों में एक महिला की बिजनेस क्षमताओं को लेकर आशंका भी रहती थी। अपने उद्यम के लिए पैसा जुटाना में भी काफी मुश्किलें आईं।लेकिन उनकी मेहनत तब रंग लाई जब दिल्ली सफदरजंग इलाके में खोला गया उनका पहला सैलून लोगो को  पसंद आया ।

सोनी टेलीविज़न पर आने वाला पॉपुलर सीरियल, जस्सी जैसी कोई नहीं में वीएलसीसी ने पहली बार टीवी पर मेकओवर किया था ।

सोनी टेलीविज़न पर आने वाला पॉपुलर सीरियल, जस्सी जैसी कोई नहीं। उसमें हीरोइन यानी जस्सी अपने लुक्स के कारण बहुत पॉपुलर हुई थी। बाद में उसका मेकओवर किया जाता है और वो बहुत साधारण से ग्लैमरस बन जाती है। हफ्ते दर हफ्ते वह स्मार्ट होती जाती है और फाइनल तक उसे एक बहुत ही खूबसूरत मॉडर्न लड़की के रूप में देखा जाता है। वीएलसीसी ने वह मेकओवर पहली बार टीवी पर किया 

पद्मश्री  से सम्मानित वंदना लूथरा-


पद्मश्री सम्मान लेतीं वंदना

अगर सही दिशा, लगन और चाह से व्यक्ति कुछ करने को ठान ले तो वह सफलता के शिखर पर क्यों नहीं पहुंच सकता , वंदना लूथरा इसको प्रमाणित करती हैं। वह महिलाओं में छुपी असीम क्षमताओं का बेहतरीन उदाहरण हैं और रूढ़ियों को तोड़कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। उन्हें औद्योगिक क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए 'पद्म श्री’ से भी नवाजा गया है।

दुनिया भर में वंदना के नाम का डंका- 

25 साल के काम-काज में वीएलसीसी लगातार तरक्की करते हुए न केवल एशिया की सबसे बड़ी वेलनेस कम्पनियों में शुमार हो गई है बल्कि इसने भारत में वेलनेस सेक्टर के विस्तार में भी सराहनीय योगदान दिया है। वंदना लूथरा के निरंतर प्रयासों से कंपनी के सेंटर 16 देशों के 121 शहरों में 300 से अधिक स्थानों पर मौजूद है। भारत, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, मलेशिया, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ओमान, बहरीन, कतर, कुवैत, सऊदी अरब और कीनिया में खुद कम्पनी अपना काम-काज करती है। साथ ही भारत और सिंगापुर स्थित इसके प्लांट में वीएलसीसी की बड़ी रेंज़ के स्किन केयर, हेयर केयर और बाॅडी-केयर प्रोडक्ट का उत्पादन भी होता है। कम्पनी में पूरी दुनिया के 39 देशों के 6,000 से अधिक लोग काम करते हैं। इनमें अधिकांश डाॅक्टर, न्यूट्रीशनिस्ट, साइकोलाॅजिस्ट, काॅस्मेटोलाॅजिस्ट, ब्यूटीशियन, फीजियोथिरेपिस्ट आदि हैं।

अगर इरादा पक्का और हौसले मजबूत हो दुनिया में क्या नही हासिल कर सकते वंदना लूथरा की लगन से आज विश्व भर में वीएलसीसी के कई सेंटर सफलतापूर्वक चल रहे है। इसका सारा श्रेय वंदना को जाता है । 

अगर नियत अच्छी हो तो नशीब कभी बुरा नहीं होता  ।

ये भी पढ़े - रेखा एक मिसाल है उन महिलाओं लिए जिन्हे सावंला रंग एक रोड़ा लगता है


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